यह शहर भी तेरा है
यह गलिया भी तेरी ही हैं
यह हवा और यह समां - सब तेरा हैं
हमें तो बस लूटने का शौंक था और चले आए...
Thursday, October 23, 2008
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For I speak and I listen, for I read and I react, for I think, I question, I seek answers... and I write... and I write some more...
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